शल्यज नाड़ी व्रण/shalyaj naadee vran

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शल्यज नाड़ी व्रण  : पुं० [सं० नारी-व्रण, ष० त० स० शल्यज—नाड़ी व्रण कर्म० स०] नाड़ी में होनेवाला एक प्रकार का व्रण या घाव जो नाड़ी में कंकड़ी या काँटा पहुँच जाने पर होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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